Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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राम जन्म स्पेशल:- अवध में बाजे चहुँ ओर बधइया
अवध में बाजे चहुँ ओर बधइया। राजा दशरथ के भवन में जन्म लियो चारों भैया ब्रह्मा, विष्णु, शंकर नाचत धन्य कौशल्या मैया अवध में बाजे…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
राम, राम, राम तु रटते जा
राम, राम, राम तु रटते जा मन से मन की विकार तु हटाये जा राम से ही जन्मों का पाप धुलता राम से ही राम…
आज अवध में होली है और , मैं अशोका बन में
आज अवध में होली है और, मैं अशोका बन में। रंग दो मोहे राजा राम , मैं बसी हूँ कन कन में।। आँखे रोकर पत्थर…
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार
बना दो बिगड़ी सबकी मेरे सरकार सब सर नवाते हैं, तेरे दर पर मेरे राम कोई तुझसे क्या माँगे, तुम किसी को क्या देते हो…
Nice
धन्यवाद आपका बहुत बहुत आभार व्यक्त करते हैं
बहुत ही सुन्दर भाव प्रकट किया है आपने।
बहुत बहुत आभार
बहुत सुंदर अभिव्यक्ति
धन्यवाद
बहुत ही सुंदर भाव
धन्यवाद आपका
राम जन्म का बड़ा मनोरम वर्णन किया है आपने
धन्यवाद आपका
बहुत बहुत आभार व्यक्त करते हैं