अजनबी
आज किसी ने सोये हुये
ख्वाबों को जगा दिया
भूली हुई थी राहें
भटके हुये मुसाफिर को मिला दिया
जिंदगी का फलसफा जो
कहीं रह गया था अधूरा
मुरझाई हुई तकदीर को
जीने के काबिल बना दिया
देना चाहता था मुझे बहुत कुछ
मगर उसे क्या पता था
उसकी चाहत की उसी आग ने
मेरा दामन जला दिया
बस राख के कुछ ढेर बाकी थे
वक्त की तेज़ आंधी ने उनको उड़ा दिया
खाली पड़े उन मकानों में
परछाईयाँ ही तो बस बाकी हैं
वरना हालत के इस दौर ने
सब कुछ मिटा दिया …..
Nice Lines
Heart touching lines.
अतिसुन्दर
Nice