अधूरा प्रेम
अनीता नाम था उसका। देखने में सुंदर नहीं थी। फिर भी चंचलता व मीठे बोल से ही कब अमित उसका दीवाना बन गया उसे पता ही नहीं चला। उपर वाले ने गोरा रंग चुरा कर शाम रंग से उसे तराशा था। उसी शाम रंग का दीवाना था अमित। जब जब दोनो मिलते थे तब तब एक दूसरे के करीब आने का प्रयास करते थे। मगर उन दोनों मे इजहार नहीं हो पाता था। समय यों ही गुज़रता गया। धीरे धीरे अनीता किसी और की हो गयी ।अमित को तब पता चला जब एक दिन बड़ी मुश्किल से अपनी दिल की बात अनीता से कहा। अनीता दु:ख जताती हुई कही – अमित रिश्ते किसी का इन्तजार नहीं करता। जिसका किस्मत में था उसे मिल गया। मेरी शादी भी उस से होने वाली है। अपने जीवन में यह बात उतार लो – कोई भी लड़की पहले कदम नहीं बढ़ाती है। जब तक दिल से मजबूर न हो जाए तब तक वह पास नहीं आती है। इसलिए अगर किसी से प्रेम करना तो जल्द ही तब इजहार करना जब दोनों तरफ आग लगी हो।इतना कह कर वह वहाँ से चल पड़ी।
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Anuj Kaushik - December 9, 2020, 5:44 pm
शिकवा है मुझे उससे, जिसने लिखी हैं अधूरी कहानियां,
क्यों कराया था मिलन, गर परवान- ए- मोहब्बत की औकात ना थी।
AK
Praduman Amit - December 9, 2020, 5:47 pm
समीक्षा के लिए धन्यवाद अनुज जो।
Anuj Kaushik - December 9, 2020, 10:40 pm
धन्यवाद जी
Anuj Kaushik - December 9, 2020, 5:44 pm
सुन्दर प्रस्तुति
Praduman Amit - December 9, 2020, 5:47 pm
शुक्रिया।
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 9, 2020, 6:59 pm
अतिसुंदर भाव
Praduman Amit - December 9, 2020, 7:37 pm
पंडित जी ।आपकी समीक्षा मुझे बहुत ही अच्छी लगी। इसलिए मैं आपको बहुत बहुत धन्यवाद देता हूँ।
Geeta kumari - December 9, 2020, 9:56 pm
अति सुन्दर प्रस्तुति
Satish Pandey - December 9, 2020, 10:32 pm
वाह वाह बहुत खूब
Pragya Shukla - December 11, 2020, 10:59 pm
Beautiful