अनुभव सिखायेगा
ईंट फेंकेगा आप पर कोई
आप उस ईंट को संभाल कर रखना,
कभी भवन बनाओगे
या कुछ सृजन करोगे,
काम आयेंगी वे ईंट और पत्थर।
आंख में रेत झौंके
आपके अगर कोई,
सच का चश्मा लगाना
आँख की नदी के
किनारे खड़े हो,
एकत्र कर लेना वह रेत।
सच का भवन बनाते वक्त,
रेत काम आयेगी।
जिन्दगी बतायेगी,
जमाना बतायेगा,
किस परिस्थिति में क्या करना है
अनुभव सिखायेगा।
ईंट फेंकेगा आप पर कोई
आप उस ईंट को संभाल कर रखना,….. जिन्दगी बतायेगी,
जमाना बतायेगा,
किस परिस्थिति में क्या करना है
अनुभव सिखायेगा।
__________ अनुभव मनुष्य को बहुत कुछ सिखा देता है… कवि सतीश जी की बहुत शानदार और सच्ची पंक्तियां, लाजवाब प्रस्तुति अति उत्तम लेखन
बहुत खूब
ईंट फेंकेगा आप पर कोई
आप उस ईंट को संभाल कर रखना,
कभी भवन बनाओगे
या कुछ सृजन करोगे,
काम आयेंगी वे ईंट और पत्थर।
आंख में रेत झौंके
आपके अगर कोई,
सच का चश्मा लगाना..
सच्चाई का पाठ पढ़ाती
तथा निंदक नियरे राखिए की सोंच को उजागर करती पंक्तियां
बहुत श्रेष्ठ कविता
बहुत सुंदर रचना।
सुंदर