अपनी अदा यों न दिखाएँ
जब जब मैं
कलम उठाना चाहा
हसीन शेर लिखने के लिए
उसने कहा लगता है
मैं हो जाउंगी बदनाम
शायद तुम्हारे लिए
मैं चाह के भी
उसके लिए शेर नहीं लिख पाया
अब कोई उनसे कह दो
अपनी अदा यों न दिखाए
इन बहारों में खुदा के लिए।
सुंदर
वाह,बहुत ख़ूब
सुन्दर प्रस्तुति
वाह वाह
Very nice
उत्तम रचना
सुंदर रचना