अपनी पलकों को इतना मत झपकाया कर

अपनी पलकों को इतना मत झपकाया कर,

तू मेरे दिल को इतना मत धड़काया कर,

हर बात तेरी किसी ज़ुबां की मोहताज तो नहीं,

तू चुप रहकर भी अपने एहसास मुझे बताया कर,

हवाओं को किसी शिफारिश की ज़रूरत कहाँ,

तू जो है बस वही बनकर मेरे करीब आया कर।।

राही (अंजाना)

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close