अब लगो उत्थान में
खूब बातें हो गई हैं,
अब लगो उत्थान में,
देश आशा में लगा है,
मत चलो अवसान में।
खूब दूजे पर उछाला
कीच अब रहने भी दो,
एक दूजे को समन्वित
बात तुम रखने भी दो।
सब चलो मिलजुल के राही
देश को बढ़ने भी दो,
छोटी-छोटी बात को तुम
मत करो, रहने भी दो।
ताड़ तिल का मत बनाओ
आड़ ओछी छोड़ दो,
पिस न पाए आम जनता
दाढ़ अपना तोड़ लो।
बस चुनावों तक रहे यह
एक दूजे पर निशाना,
बाद में मिलकर चलो सब
देश है आगे बढ़ाना।
बहुत सुंदर रचना है
Very very nice
सब चलो मिलजुल के राही
देश को बढ़ने भी दो
___________ देश प्रेम पर आधारित कवि सतीश जी की अति उत्तम रचना, मिलजुल कर रहने की प्रेरणा देते हुई उम्दा प्रस्तुति
Very nice
खूब बातें हो गई हैं,
अब लगो उत्थान में,
देश आशा में लगा है,
मत चलो अवसान में।
खूब दूजे पर उछाला
कीच अब रहने भी दो,
एक दूजे को समन्वित
बात तुम रखने भी दो।
देशभक्ति पर आधारित पंक्तियां
जो अपने देश से प्रेम करना सिखलाती हैं