अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।

अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन, भुवन है ।।
अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
अर्थ के कारण रिश्ते बनते अब
और अर्थ के कारण रिश्ते टूटते अब ।
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
अब क्या ख्याल जगत का है ।
लोग सिर्फ धन के पीछे भागते है ।
और प्रेम से मुँह मोड़ते है ।
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
दुर्जन के पास जो धन है,
वो ऐय्यास में लूटाते है ।
सज्जन के पास तो प्रेम है,
वो प्रेम ही जगत में लूटाते है । ।
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।
अर्थ-अर्थ करते-करते अब लोग पूर्ण सांसारिक बन जाते है ।
और वह आध्यात्मिकता से मुँह मोड़ते है ।
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
हमने सत्संगों से सीखा हैः-
अगर धर्म अनुकूल अर्थ कमाये जो नर वही नर जग में महान है ।
और जो नर प्रतिकुल धर्म के अर्थ कमाये वह नर अधम समान है ।
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
अर्थ के कारण धृतराष्ट्र कराये अपने वंश का सर्वनाश रे!
और उसके वंश में न रहा कोई सज्जन पुरूष महान रे!
पर अर्थ जगत का सार नहीं, प्रेम जगत का सार है ।।
प्रेम के कारण जगत में भरत भाई कहलाये महान रे!
और मीरा प्रभु दीवानी रे!
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
कालि, सुर, कबीर, तुलसी व रहीम प्रेम के कारण ही कविश्रेष्ठ कहलाये जग में महान रे! और लिख गये प्रेम-ग्रन्थ हजार रे!
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
शबरी, जटायु थे प्रभु राम के अनन्य प्रेमी रे!
और छोड़ गये जगत में अपने प्रेम के महान पहचान रे!
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
गणिका, अजामिल भी तर गई प्रभु राम के नाम के प्रेम के कारण रें।
और सीखला गये हमें प्रेम के नये पहचान रे
पर अर्थ जगत का सार नही, प्रेम जगत का सार है ।।
प्रेम से ही टिकी हुई, धरती, गगन भुवन है ।
अर्थ जगत का सार नहीं, प्रेम जगत का सार है ।।
 विकास कुमार

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

+

New Report

Close