Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आंधियो मेहमां बन
आंधियो मेहमां बन जब जी चाहे तुम आया करो अर्ज़ बस इतनी तुम दरख्तो को न गिराया करो तूफा तो हर तरफ हर जगह आते…
उपस्थिति
के तेरे दर पे मैं खुल कर के सब कुछ अर्ज़ करता हूँ, तुझको पाने की खातिर मैं खुद को यूँ खर्च करता हूँ, गर…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
साजन
तुझको ही बस तुझको सोचू इतना तो कर सकती हूँ,,,,,,,,, तेरे ग़म को अपना समझू इतना तो कर सकती हूँ ।।।।।।।।।। मुझको क्या मालूम मुहब्बत…
Wah
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
Nice
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Good
Thanks
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वाह
Thanks
वाह
Sahi likha