Categories: शेर-ओ-शायरी
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
एक शहर मे तीन मित्र
एक शहर मे तीन मित्र रहते थे,तीनो मे बहुत गहरा मित्रता थी, एक का नाम गौरव जो शांत-सोभाव के थे उनको गीत गाना गुनगुना कविता…
मित्र कौन !
सच्चा मित्र —— होता है : संघरित्र ! आपसे जुड़कर—आपका विषाद बाँटता है आपकी ऊष्मा आत्मसात् करता है ……….. आपको ऊर्जा से भरता है.…
मित्र प्रेम
लघुकथा-मित्र प्रेम दुनिया में अगर कोई उदाहरण है तो मित्र प्रेम उदाहरण सबसे मर्मस्पर्शी है ।बात उन दिनो की है जब कुलदीप और प्रवीण साथ…
बहुत सुंदर
सादर धन्यवाद
सुन्दर
सादर आभार
Good
सादर धन्यवाद
Bahut sundar
Thanks