*अलविदा*
सर्द मौसम में,
अश्क भी जम गए
अल्फाज उनके सुनकर,
मेरे हर पल थम गए
शून्य में घूमने लगा,
मेरा वजूद सारा
ज़रा सी धूप लगी तो,
नैन हमारे नम गए
अजीब था उनका अलविदा कहना,
कुछ कहा भी नहीं कुछ सुना भी नहीं
बस अलविदा कहा और विदा हो गए,
क्या सच में वो हमसे जुदा हो गए..
______✍️गीता
अतिसुंदर रचना
सादर धन्यवाद भाई जी 🙏
बहुत सुंदर और भावपूर्ण रचना
अलविदा वाह! बहुत खूब
सराहना हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद प्रज्ञा जी
सुन्दर अभिव्यक्ति