*आँसू मेरे प्राणाधार*
लिखकर अपने मन की पीर
बोझ करूं मैं हल्का
रोकर मिलता बड़ा सुकून
लगता दिल को अच्छा
आँसू से सींचू मैं जख्म
हरे-भरे लहूलुहान हुए
लेप लगाकर वही जख्म
मेरे प्राणाधार हुए
गटक लिए जो गले में आए
पोंछ लिए जो आँख में आए
दिल से जो बह निकले आँसू
छुपा लिए
कोई देख ना पाए
आँसू ही जीवन का आधार
आँसू मेरे प्राणाधार….
मन के भावों का बेहद मार्मिक चित्रण प्रस्तुत करती हुई सुन्दर पंक्तियां
Thanks a lot
बहुत खूब
धन्यवाद
धन्यवाद