आंखों ने जो देखा
आंखों ने जो देखा
उस पर विश्वास करूँ या
जो तुम कहते हो उस पर
ऑंखें बन्द कर
विश्वास करूँ।
अब ऐसे ही भुला कर
बैठूँ या फिर
कुछ पाने की आस करूँ।
सच पर मैं विश्वास करूँ या
खुद पर अविश्वास करूँ।
अपने को दलदल में डालूं
या उबर नया उत्साह भरूँ
कुछ कर लूं पाने की या
ऐसे ही बस आह भरूँ।
Very nice
बहुत सुन्दर रचना प्रस्तुति