आंदोलन
भूमिपुत्र किसान भाई, तुम जिद्द अपनी छोड़ दो
धरना प्रदर्शन की दिशा भी घर की तरफ मोड़ दो
देश पर मण्डरा रहे ख़तरे को गम्भीरता से भांप लो
तुम्हारी आड़ में मचा आतंक अब तुम पहचान लो
किसान भाई कोई शक नहीं, व्यथा तुम्हारी सच्ची है
आंदोलन तुम्हरा हाईजेक हुआ खबर ये भी पक्की है
तुम किसान भोले भाले, दुश्मन चंट और चालाक है
देश के अंदर और बाहर, हर तरफ गम्भीर हालात हैं
रंगे सियार जैसे दुश्मन अंधेरा हर ओर तलाश रहे
भटके हुए नौजवानों को, बहुरुपिया बन तराश रहे
तुम्हारे आंदोलन में अपनाबन, विश्वासघात कर रहे
आंदोलन की आड़ में द्रोही, घातक घात लगा रहे
ठहरो, सोचो, समझो ट्रेक्टर रैली का प्लान तुम्हरा था
गणतंत्र दिवस पर शक्ति प्रदर्शन का सिर्फ इरादा था
फिर लालकिले पर द्रोह, झण्डा किसने फहराया था
सुरक्षाकर्मियों को मार, तुम्हें बदनाम क्यों करवाया था
एक बात और समझो, किसान गांव, खेत में होता है
ज़मीन खोदना, बीज बोना, पानी भी चलाना होता है
कड़ी धूप, सर्द रातें उधारी, मफलूसी में घर चलाता है
फिर आंदोलन के नाम पर कौन इतना पैसा बहाता है
बंद करो अब आंदोलन खुद को मत बदनाम करो
कौन माचिस दिखा रहा, उसकी तुम पहचान करो
आज समझौता कर देश संविधान का सम्मान करो
आंदोलन से क्या खोया, क्या पाया गहनजांच करो
जय किसान, जय जवान, जय जय जय हिन्दुस्तान
राकेश सक्सेना
3 बी 14, विकास नगर, बून्दी (राजस्थान)
मोबाइल 9928305806
किसान आंदोलन पर बहुत सुंदर और यथार्थ परक रचना
धन्यवाद 🙏😊🌹
Very Nice sir Ji
आपकी कविता बहुत अच्छी है
thank you sir 🙏
Very good,,,,, sir,,, jay Javan ,,, jay kishan
Thank you sir 😊🙏
Very nice rachana
Thank you sir 😊🙏
आन्दोलन के परिप्रेक्ष्य में सटीक रचना
धन्यवाद् सर 🙏😊
Nice👏👏👏
Bohot achhi rachna hai uncle❤️🙏❤️
Perfect thoughts uncle👍👍
ATI sundar
Bahut bdiya uncle ji 👍❤️
Jabardast
Nice thoughts👍👍
Nice ❤️line..
Nice keep it up
कविता सुन कर कहता हूँ
विपक्षियों झुट कम तुम बोल लो
दंगाईयो को किसान भाई मत तुम बोल लो
बिना बात के चिलाना अब तुम छोड़ दो
सता के लोभ मे देश को पीछे मत छोड़ दो……..
👏👏👏👍👍🏆 kavita bhut shandar hai
किसान आंदोलन में देश के विरोधियों की घुसपैठ पर जबरदस्त रचना 👌👌👍👍
अतिउत्तम
अति उत्तम बहुत सुंदर रचना
हाथ जिनमें हो जुनून वो कटते नही तलवारो से , सर जो उठ जाते है वो झुकते नही ललकरो से…………👍👍🙏🙏👌👌👌
👍👍👍👍👍
Kisan andolan pr sateek rachna 👍
बहुत सुंदर सर बहुत अच्छी रचना लिखी आपने
बहुत अच्छा प्रयास
अति सुंदर सक्सेना जी
Very nice
Bhut sunder
वाह सक्सेना साहब शानदार रचना👌👍
आज जो किसान की आंदोलन कर रहा है,उसके लिए ये एक सीख है,अब नहीं तो फिर कभी नहीं
गुड सर
Good sir
बहुत ही सुंदर रचना
Bahut shandar 👌👌👌👌👌
👍👍👍👌👌👌👌
गुरू छा गए 👏👏👍👍
Nice👌👍
बहुत ही अच्छी रचना है