आईना
चुपके से रोज मैं उससे सवाल करता हूं,
स्टेटस पर तस्वीर देखकर, उसे प्यार करता हूं |
गोल सी आंखों में सपने उसने जो सजाए हैं,
लगता है मेेरी कल्पनाओं से बड़ा मेल खाए हैं |
अभी तक तो बातें इशारों में किया करता हूं,
उसके जेहन में क्या है ये विचार रखता हूं |
पलभर न देखूं उसे तो जी ये मचलता है,
आईना सामने से अब मुझसे सवाल करता है |
कश्मकश में अब हर रोज मैं जीये जा रहा हूं,
कैसे बयां करूं उससे मैं दर्द में मरे जा रहा हूं |
काश जो वो मेरी कल्पनाओं को मंजूर करती है,
सच कहूं जमाने भर से स्वीकार उसे करता हूं |
Waah bahut khoob
सुंदर
सुंदर