आई शुभ दीवाली..
आई शुभ दीवाली देखो
आई शुभ दीवाली
टिमटिम करते देखो दीपक
आई शुभ दीवाली
धनतेरस को खूब खरीदा
हमनें सोना-चाँदी
सज-धज देखो
लक्ष्मी माँ आई
आई शुभ दीवाली
नर्कचतुर्दशी को हमने झाड़ा
घर का कोना-कोना
ओ लक्ष्मी माँ !
हम पर अपनी कृपा बनाये रखना
दीपावली में हमनें गणपति संग
लक्ष्मी जी को बुलाया
रामचन्द्र जी के शुभआगमन पर
सौहार्द से त्योहार मनाया
हर गली सजाई दीपों से
फूलों से सजाई थाली
आई शुभ दीवाली
देखो आई शुभ दीवाली
गोवर्धन पूजा पर माँ ने
कृष्ण जी को कर जोड़ मनाया
भाई दूज पर मैंने कर दी मैंने
भाई की जेबें खाली
आई शुभ दीवाली
देखो आई शुभ दीवाली…
काव्यगत सौंदर्य और समाज में योगदान:-
यह कविता मैंने दीपावली के सभी कार्यक्रमों को ध्यान में रखकर लिखी है.
इस कविता के माध्यम से मैंने दीपावली के सभी पर्वों के दर्शन कराये हैं.
और हिन्दू परंपरा के अनुसार धनतेरस, नर्कचतुर्दशी एवं दीपावली पर राम और लक्ष्मी गणेश जी के आगमन को प्रमुखता दी है..
गोवर्धन पूजा पर कृष्ण जी के द्वारा जो गोवर्धन पर्वत उठाकर इन्द्र का घमण्ड तोड़ा गया उसे
गोवर्धन पूजा के रूप में मनाया जाता है..
भाई दूज पर भाई-बहन के प्रेम को दर्शाया गया है..जो यम द्वितीया के रूप में जानी जाती है इसदिन मान्यता है कि बहन के घर का भोजन खाने से भाई की उम्र बढ़ती है और उसे यमराज जी का कोप सहन नहीं करना पड़ता उसे मृत्यु पश्चात यमराज लेने नहीं आते..
मेरा यह कविता हिन्दू धर्म का पवित्र संदेश देती है
अतिसुंदर
Thanks
गागर में सागर भर दिया है प्रज्ञा जी ।
बहुत सुंदर रचना
Thanks
Beautifully crafted
Thank you so much dear…
Bahut sunder rachana