Categories: शेर-ओ-शायरी
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का ।
वह रहने वाली महलों में, मैं लड़का फुटपाथ का । उसकी हर एक अदा पे मरना यही मेरा जज्बात था । वह रखने वाली टच…
कुछ नया करते
चलो कुछ नया करते हैं, लहरों के अनुकूल सभी तैरते, चलो हम लहरों के प्रतिकूल तैरते हैं , लहरों में आशियाना बनाते हैं, किसी की…
कितनी दफ़ा उँगलियाँ अपनी जला दी तूने
कितनी दफ़ा उँगलियाँ अपनी जला दी तूने… ‘माँ’ मेरे लिए चंद, रोटियाँ फुलाने में ! कितनी दफ़ा रातें गवां दी, “माँ” तूने मुझे सुलाने में,…
प्रेम का संदेश दें
अपनी खुशियों पर रहें खुश दूसरों से क्यों भिड़ें, बात छोटी को बड़ी कर पशु सरीखे क्यों लड़ें। जिन्दगी जीनी सभी ने क्यों किसी को…
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