आखिर संतोंं को मारा क्यो?
तुम कुछ बोलो ना बोलो, पर मुद्दे सारे सुलझ गए,
सुनो देश के ग़द्दारों तुम गलत जगह पर उलझ गए ।
है तकलीफ तुम्हे ये के ‘अर्णब’ ने चिट्ठा खोल दिया,
जो दूजा ना कह पाया उसने ये कैसे बोल दिया ।
देश का बेड़ा गर्क किया अब जा विपक्ष में बैठे हो,
कोई कसर ना छोड़ी है जब भी समक्ष में बैठे हो ।
ये कहता इतिहास सहिष्णु होकर हिन्दू ठगा गया,
पहली दफा हुआ कोई इस तरह हिन्दू जगा गया ।
आज देश का हिन्दू जब संतों की खातिर खड़ा हुआ,
न्याय की ज़िद में काशी और मठ, है ‘प्रयाग’ भी अड़ा हुआ ।
बेगुनाह संतों पर यूँ अपनी रंजिश को उतारा क्यों ?
है हिंदुत्व का प्रश्न यही आखिर संतों को मारा क्यों ?
#पालघर
– प्रयाग धर्मानी
वाह, यथार्थ चित्रण
शुक्रिया जी
👍👌👌
शुक्रिया
बहुत खूब, वाह
Thank You
सुंदर
🙏🙏
पूर्ण सत्य
धन्यवाद आपका