“आधुनिक पत्रकारिता”
वो कहते हैं बलात्कार की
घटना हमने सबसे पहले
दिखलाई है
पीड़िता के घर तक सबसे
पहले हमारी पत्रकार
पहुंच पाई है
हमने दिखलाया सबसे पहले
पीड़िता के भाई को
पीड़िता की आवाज सबसे
पहले हमने सुनवाई है
हमने कोशिश की सबसे पहले
उस परिवार से मिलने मिलने की
पीड़िता की जलती लाश
हमने सबसे पहले दिखलाई है
क्या यही है आधुनिक पत्रकारिता
शर्म नाम की चीज नहीं
आखिर हिन्दुस्तान की मीडिया
कितने निचले स्तर पर उतर
आई है…
बेहतरीन लेखनी, सुन्दर अभिव्यक्ति, यथार्थ को अत्यंत प्रखरता से उजागर किया गया है। वाह
धन्यवाद
बहुत खूब
धन्यवाद
सच्चाई सामने लाती सुंदर कविता
धन्यवाद
यथार्थ चित्रण किया है
धन्यवाद
Nice