आपकी किरणें ओ सूरज!
आपकी किरणें
ओ सूरज!
सृष्टि को वरदान हैं,
मूल हैं प्रकृति का
बीज में ये प्राण हैं।
पेड़-पौधे , जीव सारे
आपके होने से हैं
आपकी प्रभा के आगे
दीप सब बौने से हैं।
पालती संसार को हैं
आपकी ये रश्मियां
आपके प्रकाश को पी
अन्न देती पत्तियां।
आपके प्रकाश को पी
वायु देती पत्तियां।
वायु है तब सांस लेते
अन्न है जीवन का रस
आपकी किरणें नहीं तो
कुछ नहीं जीवन का वश।
दस दिशाओं में उजाला
आप हैं तब ही तो है,
दूर है तम, सृष्टि में दम
आप हैं तब ही तो है।
आपकी किरणें
ओ सूरज!
सृष्टि को वरदान हैं,
मूल हैं प्रकृति का
बीज में ये प्राण हैं।
—- डॉ0 सतीश चन्द्र पाण्डेय
बहुत खूब
सादर धन्यवाद
बहुत ही सुंदर शब्दों से सजी रचना
बहुत बहुत आभार
Very nice poem
Thanks
वाह वाह, बहुत बढ़िया
बहुत बहुत धन्यवाद
सूर्य का महत्व समझाती हुई बहुत सुंदर कविता
सादर आभार