आपकी ख़ामोशियाँ
आप कुछ कहें न कहें,
सब कुछ कह जाती हैं हमसे,
आपकी ख़ामोशियाँ।
ख़ुशियों का इज़हार भी करती और
बता देती हैं आपकी परेशानियाँ,
आप कितना भी छुपा लो,
ग़म और ख़ुशी कितना भी दबा लो,
आपकी सुनती ही नहीं हैं..
चुगली कर जाती हैं हमसे,
आपकी खामोशियाँ॥
____✍गीता
वाह जी वाह चुगली कर जाती हैं हमसे,
आपकी खामोशियाँ
Thanks a lot
कवि गीता जी की प्रत्येक रचना की तरह यह भी एक उच्च स्तरीय रचना है। वाह
प्रोत्साहन के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद सतीश जी ,अभिवादन
बहुत ही प्यारी उत्कृष्ट रचना प्रस्तुति दीदी जी
बहुत-बहुत धन्यवाद एकता