आर्यन कृष्णवंशी का शायरी संग्रह
1.
जमाने की नजरों मे काफिर हैं हम
क्योंकि मोहब्बत की मंज़िल के मुसाफिर हैं हम
2.
आने दो गर्मी तो पहाड़ पिघल जाएंगे
चट्टानों को तोड़कर समुंदर निकल जाएंगे
लड़कपन है नौजवानी है अभी कर लेने दो मस्ती
कँधों पर भार आएगा तो खुद संभल जाएंगे
3.
आज मैं सोच रहा हूं कि आशिकी इतनी अजीब क्यों है ?
जिससे मिलना असंभव लगता है वही दिल के करीब क्यों है !
4.
भगवान भी सब कुछ जान लेता है …
समय तो बख्शता ही नही कठिन से कठिन इम्तिहान लेता है
संघर्ष के इस दौर मे सफल वही होता है, जो सच के आइनें मे झूठ को पहचान लेता है
5.
मंजिल कठिन है तो क्या हुआ ? हम कौन सा कमजोर हैं ” चलते जाएंगे
निकले हैं घर से तो कुछ करके दिखाएंगे …..
वरना ऊंचा मुकाम पाने वालों का अंजाम है यही
हम होंगे गुमनाम लोग कहानियाँ सुनाएंगे !
6.
आएं हैं तो दो चार दिन रुककर जाएंगे
खायेंगे पियेंगे पब मे मस्ती उड़ाएंगे
रात करेंगे रंगीन मोहब्बत के आशियाने मे
छूट जायेंगी दिल की कुछ बातें तो कल फोन पर बताएंगे !
7.
आज फिर थोड़ा सा बैचेन हूँ कुछ अजीब सा लग रहा है
प्यार है या नफरत ” बड़ा करीब सा लग रहा है !
8.
काफी मुद्दतों के बाद पसंद आई हो तुम
इसलिये सपनों मे सजा रखा है
कोई छीन ना ले जाये अब तुम्हे मुझसे
इसलिये दिल मे छुपा रखा है !
9.
थोड़ा शरारती हूँ तो क्या हुआ करजदार तो नही हूं
चालाकी से बेवफ़ाई करूँ इतना समझदार तो नही हूं
10.
जज्बात नही दिखते शायद काफी फांसला आ गया है
अजीब सी महक आ रही है इस शहर मे…
लगता है कोई दिलजला आ गया है !
शायर ~
आर्यपुत्र आर्यन कृष्णवंशी ” शनि ”
( टीबी आर्टिस्ट मॉडल एंड राइटर )
Official Co – 9720299285
वाह, बहुत ख़ूब
Thanks 🙏🤨
आज मैं सोच रहा हूं कि आशिकी इतनी अजीब क्यों है ?
जिससे मिलना असंभव लगता है वही दिल के करीब क्यों है !
—– बहुत ही सुन्दर पंक्तियों की रचना की है आपने, बहुत खूब, भाषा की सरलता अद्भुत है।
शुक्रिया सर