आवारा पागल हूं मैं
हाँ, सही कहा तुमने बुरा हूँ मैं
कवि कहाँ आवारा पागल हूँ मैं
सिर्फ सूरत ही मेरी अच्छी है
दिल का बहुत काला हूँ मैं
एक बात तो मान लो मेरी
लाख बुरा हूँ पर दिल का
सच्चा हूँ मैं
नहीं लिख सकता तुमसा पर
तुम्हारे लिये प्रेमग्रन्थ लिख सकता हूँ मैं
सबको देती हो सलाह
प्रकाश फैलाने की
मुझे परख कर तो देखो दिल का भी
अच्छा हूं मैं…
अति सुन्दर भाव पूर्ण रचना
आभार
अतिसुंदर
आभार
Thanks
सुन्दर अभिव्यक्ति
Thank you sir
NICE
very very nice sir