आसमान हो गया
शाम से ढूंढती थी मैं तुझको
तू न जाने कहाँ खो गया
मैं तुझे प्रेम की धरती समझती थी
तू नफ़रत का आसमान हो गया।
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PRAGYA SHUKLA - July 14, 2020, 1:46 pm
Good
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - July 14, 2020, 11:03 pm
Nice
Abhishek kumar - July 31, 2020, 1:05 am
धन्यवाद
प्रतिमा चौधरी - September 26, 2020, 1:43 pm
बहुत खूब