आह्ववाहन

देश वासियों जागो, जागो जागो जागो,
इतने बलिदानों से आजादी जो पाई,
मूल्य उसका पहचानो,
जागो,जागो,जागो।
बीत गया जो काल कठिन था,।
मुश्किल था रहना जीना।
अपनी नहीं थी धरती हमारी,
अपना नहीं था ये आसमां।
बलिदानों के बल पर पाई,
आजादी की सांसे।
मूल्य उसका पहचानो,
जागो जागो जागो।
निमिषा सिंहल

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