Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
आजादी
आजादी के इतने वर्षों बाद भी, आजादी को हम जूझ रहे आज भी ।। कभी नक्सलियों, आतंकियों से आजादी, कभी रिश्वतखोरों, भ्रष्टाचारियों से आजादी ।…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
आजाद तेरी आजादी
भारत मां के अमर पुत्र “चन्द्रशेखर आजाद” की पुण्य तिथि पर मेरी एक तुच्छ सी रचना l रचना का भाव समझने के लिये पूरी रचना…
आजादी
लहू है बहता सड़कों में आक्रोश है कुम्हलता गलियों में लफ़्जों मे है क्यों नफ़रत का घर आग है फैली क्यों फिजाओं में रंगो में…
वाह बहुत सुंदर