**इंतजार एक मैसेज का**
आलू, मटर,टमाटर की,
सब्जी बनी स्वाद
नमक डालना भूल गई,
जब आई आपकी याद
मैसेज टोन सुनाई दी,
तो भागी-भागी आई
इस चक्कर में देखो मैंने,
रोटी एक जलाई
फ़िर टोन सुनी,
पर मैसेज ना आया
स्क्रॉल करती रही स्क्रीन को,
उफ्फ , गैस पे रखा हुआ,
दूध भी उबल आया….
परेशान थी, हैरान थी
मैसेज ना आया हाए,
इसी चक्कर में उफ्फ ,
मेरी ठंडी ही गई चाय..
*****✍️गीता
वाह
Thank you Anu ji.
बहुत खूब, हास्य के साथ-साथ सरसता है। उत्कंठा है, इंतजार की मिठास है। समूची कविता बहुत सुन्दर है। भाषा बोधगम्य है।
उम्दा अभिव्यक्ति
इतनी प्रेरक समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत धन्यवाद सतीश जी।
हास्य कविता के भाव को समझने के लिए आपका बहुत आभार ।
आपकी समीक्षा की प्रखरता को अभिवादन सर 🙏
बहुत खूब
बहुत बहुत धन्यवाद आपका पीयूष जी 🙏
विनोदप्रिय रचना
बहुत बहुत शुक्रिया प्रज्ञा
अतिसुंदर
बहुत बहुत शुक्रिया भाई जी 🙏