इज़हार

तुझे जाने की जल्दी थी,
और मैं रोक ना सका,
काश तू थोड़ा इंतजार कर पाता।
तेरे जाने के बाद उतरे,
जो बेतहाशा कागज़ पे,
काश मैं उन लफ़्ज़ों से
अपने इश्क़ का इज़हार कर पाता।
……देवेंद्र

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