इतने गर्म शहर में भी चुभ सी रही हैं
इतने गर्म शहर में भी चुभ सी रही हैं,
ये सर्द हवा, ये शीतल सा पानी, ये सुकूँ भरी छाओं
ऐ दोस्त
कितना भटक स गया है न ये मन
की मैं सुकून में भी सुकूँ भरा “मैं” नहीं ढूंढ़ पा रहा हूँ।।
-मनीष
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देव कुमार - June 20, 2018, 12:32 am
Bahut accha
राही अंजाना - July 10, 2018, 11:45 pm
Waah