इन्तज़ार

इन्तज़ार की भी एक हद होती है,
————————–
आज इन्तज़ार की सारी हदें पार कर दी हमनें…

Related Articles

केवट

समुंदर पार कर दो ए केवट प्रिय मेरे पार कर दो गंगा प्रिय लक्ष्मण भ्रात है साथ और है जनक दुलारी साथ जाना है चित्रकूट…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close