उसकी आंखें झील सी गहरी तो है मगर,
उस में परछाई मेरे चेहरे की नहीं
उसकी बेरुखी से न नाप, इश्क़-ऐ-गहराई को तू
वो आदतन मजबूर है, मगर दिल का बुरा नहीं……………………..!!
……………….D K
उसकी आंखें झील सी गहरी तो है मगर,
उस में परछाई मेरे चेहरे की नहीं
उसकी बेरुखी से न नाप, इश्क़-ऐ-गहराई को तू
वो आदतन मजबूर है, मगर दिल का बुरा नहीं……………………..!!
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