*इस उपवन में*

चम्पा के फूलों की ख़ुशबू,
ले आई इस ओर
रंग-बिरंगे फूल यहां पर,
कोयल का है शोर
पीले, लाल गुलाब हैं खिलते,
देखो इस उपवन में
मीठे-मीठे सपने खिलते,
अक्सर मेरे मन में

*****✍️गीता

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Responses

  1. “सपनों को जीवंत बनाकर
    कविता लिखती हैं गीता जी

    और उनकी समीक्षा करके हार्दिक सुख पाती हैं शुक्ला जी”

    1. सुन्दर समीक्षा के लिए आपका हार्दिक धन्यवाद कवियित्री प्रज्ञा “शुक्ला जी”
      ईश्वर तुम्हें हार्दिक सुख प्रदान करते रहें
      God bless you.

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