एक और निर्भया
नहीं हूं मैं हिन्दू पहले,
न ही दलित की बेटी हुं।
मैं निर्भया आज की ,
इंसाफ़ मांगती,
मैं पहले देश की बेटी हुं।
क्यों नहीं पसीजा तुम्हारा हृदय,
जब हैवानों ने मुझे शर्मसार किया,
क्यो चुप थी मीडिया सारी,
जब जिस्म मेरा तार-तार किया,
कब मैं इंसाफ पाऊंगी?
या राजनीति में उलझ ,
फिर से दम तोड़ जाऊंगी।
रहेगा फासला वर्षों का,
या पल में इंसाफ पा जाऊंगी,
….मैं निर्भया आज की…
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Ritika bansal - September 30, 2020, 1:26 pm
She deserve a quick justice. Justice delayed is equal to justice denied.
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 1:47 pm
बिल्कुल सही कहा आपने रीतिका जी,
समीक्षा के लिए हार्दिक धन्यवाद
Pushpendra Kumar - September 30, 2020, 6:09 pm
इंसाफ मांगती है एक और निर्भया
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 7:00 pm
जी सर, समीक्षा के लिए हार्दिक धन्यवाद
Neetu Mishra - September 30, 2020, 6:11 pm
Superior
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 7:00 pm
धन्यवाद
Anonymous - September 30, 2020, 6:46 pm
😔
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 7:00 pm
🙏
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - September 30, 2020, 7:46 pm
उत्तम रचना
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 8:02 pm
धन्यवाद सर
Aditya Kumar - September 30, 2020, 9:07 pm
आपकी भावना का सम्मान।
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 9:35 pm
बहुत बहुत आभार
मोहन सिंह मानुष - September 30, 2020, 9:31 pm
हाथरस घटना से जुड़े बहुत ही मार्मिक व यथार्थपरक भाव
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 9:35 pm
जी सर, धन्यवाद
akash choudhary - September 30, 2020, 10:26 pm
Beautiful
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 10:42 pm
Thank you
Anuradha Sharma - September 30, 2020, 11:05 pm
💯👌👌
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 11:08 pm
धन्यवाद
Anonymous - September 30, 2020, 11:25 pm
दिल को छू लेनी वाली और सोचने के लिए मजबूर केने वाली कविता. 👍😢
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 11:51 pm
Thank you so much
Siya Chauhan - September 30, 2020, 11:50 pm
Yah aaj ka sach hai
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 11:56 pm
धन्यवाद