एक और निर्भया

बस कुछ दिन की बात है
सब भूल जाएंगे
काम – धन्धों में मशगूल हो जाएंगे
नईं कहानी का शोर मचाएंगे
फिर कोई और निर्भया होगी
जीवन की जंग हार जाएगी
कोई कुछ ना करेगा
बस इक नाम और जुड़ेगा।

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Responses

  1. फिर कोई और निर्भया होगी
    जीवन की जंग हार जाएगी
    बहुत ही यथार्थ लिखा है आपने। कुछ समय तक काफी बातें होती हैं, फिर सब चुप हो जाते हैं। यथार्थ उजागर करने वाली लेखनी को सैल्यूट

  2. “कोई कुछ ना करेगा इक नाम और जुड़ेगा”
    यथार्थ चित्रण किया है अनु जी । वास्तविक अभिव्यक्ति

  3. बहुत ही सच्ची बात कही आपने लोग थोड़े दिन ही किसी विषय को महत्व देते हैं बाद में सब अपने अपने रास्ते हो जाते हैं
    जब तक कानून व्यवस्था और और लोगों की सोच ,मैं बदलाव नहीं आता तब तक ऐसे ही चलता रहेगा

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