एक तरफा प्यार
यूं मेरे प्यार पर बेवजह शक न जताया कर,
खामोश हूँ, बेवफ़ाई का इलज़ाम न लगाया कर |
जमाने में हँसी हो मुझे ऐसे नज़रअंदाज़ न कर,
चाहत हो तुम मेरी इस बात का इक्तिराफ कर |
अब तक जमाने की रूसवाई से बचाया है तुझको,
सरेआम तमाशा न हो, इस दिल में छुपाया है तुझको |
जमाने में चाहने वालों का, सिलसिला बदस्तूर जारी है,
आज भी उनकी आँखों में, वो प्यास तेरे लिए बाकी है |
खुद को संभाल पाऊं, अब मुझमें वो साहस नहीं,
शिकायतों का दौर था वो, अब उसकी भी इल्तिजा नहीं |
मिलकर भी तुझसे मैं कई बार बिछड़ा हूं,
कैसे कहूं तन्हाई में कितनी बार मैं रोया हूं |
फूलों भरा दिल जो था कभी, अब बिखर चुका है,
नदिया का पानी अब खारा हो गया है |
बहुत ही सुन्दर अभिव्यक्ति
वाह