एक तो तुम बड़ी मुश्किल से
एक तो तुम बड़ी मुश्किल से
मुस्कुराती हो,
दूसरा मन ही मन में
सारे गम छुपाती हो।
जब कभी चाँद को
बादल चुरा सा लेता है,
तब हमें रोशनी बन
रास्ता दिखाती हो।
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मोहन सिंह मानुष - August 8, 2020, 11:12 pm
बहुत खूब
Satish Pandey - August 9, 2020, 8:04 am
सस्नेह धन्यवाद
Suman Kumari - August 9, 2020, 3:29 am
सुन्दर
Satish Pandey - August 9, 2020, 8:04 am
बहुत बहुत आभार
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - August 9, 2020, 6:57 am
Nice
Satish Pandey - August 9, 2020, 8:05 am
धन्यवाद शास्त्री जी
MS Lohaghat - August 9, 2020, 7:53 am
सादर धन्यवाद, इन कविताओं के लिए,
MS Lohaghat - August 9, 2020, 7:53 am
बहुत खूब
Satish Pandey - August 9, 2020, 8:05 am
सादर धन्यवाद जी
Geeta kumari - August 9, 2020, 8:28 am
बहुत ख़ूब
Satish Pandey - August 9, 2020, 8:45 am
बहुत बहुत धन्यवाद
Ambuj Singh - August 9, 2020, 1:45 pm
अच्छा
Satish Pandey - August 9, 2020, 10:48 pm
सादर धन्यवाद ji
Kumar Piyush - August 12, 2020, 10:45 pm
बहुत खूब