*एक था बंजारा एक युवरानी*
भूली-बिसरी याद पुरानी,
आज सुनाऊं एक कहानी
एक था बंजारा एक युवरानी
परवान चढ़ी थी प्रेम-कहानी
प्रेम कहां छिपता है लेकिन
ख़ुशबू सा वो फैल गया
बात फैली राजा तक आई,
राजा ने सुनी उसने भृकुटि तानी
बंजारे को धमकी दे दी
दूर चला जा छोड़ राजधानी
बंजारे ने एक ना मानी,
देनी पड़ी जान की कुर्बानी
ये सुन विष-पान कर गई युवरानी,
सबकी आंख में आया पानी
यही है सच्ची मोहब्बत की कहानी
*****✍️गीता
मोहब्बत का यही अंजाम होना था’
सुंदर रचना और शिल्प
भाषा भी स्पष्ट और सटीक है जो अपना अर्थ समझाने में सक्षम है
सुन्दर समीक्षा हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद प्रज्ञा जी , आभार
खूबसूरत अभिव्यक्ति से सुशोभित खूबसूरत रचना
समीक्षा हेतु आपका बहुत बहुत आभार सर
अति सुंदर अभिव्यक्ति
धन्यवाद सुमन जी
अतिसुंदर भाव
सादर आभार भाई जी बहुत बहुत धन्यवाद 🙏