‘एक सवाल’
‘एक सवाल’:-
अजीब विडंबना है देश की
एक ही समय पर एक ही बात के लिए
स्त्री पुरुष के लिए अलग-अलग नियम क्यों?
यह बात मेरी समझ से परे है।
और आए दिन यह सवाल मेरे मस्तक पटल पर घूमता रहता है कि आज के इस वैज्ञानिक युग में भी स्त्री और पुरुष के लिए अलग-अलग नियम क्यों?
यदि कोई पुरुष विवाह के उपरांत पर स्त्री से संबंध रखता है। तो बस यही कह कर टाल दिया जाता है कि वो तो आदमी है।
परंतु यदि यही कार्य स्त्री करे तो उसे समाज से बहिष्कृत कर दिया जाता है।
स्त्री-पुरुष दोनों एक ही ईश्वर की रचना है तो नियमों में इतना फेर क्यों?
क्या पुरुष का समाज की सभी स्त्रियों पर अधिकार है
परंतु पत्नी का अपने पति पर भी नहीं।
यही एक सवाल अक्सर मेरे मस्तक पटल पर घूमता रहता है। और मुझे निराशा की ओर ले जाता है।
समस्या गम्भीर है और लोगों की सोंच बदलने की आवश्यकता है
🙏🙏
आपके समस्या बहुत ही गंभीर है और इसको samapt karne ka samay hai
🙏🙏
वेलकम
Nice
हमारा देश पित्र प्रधान रहा है पर अब यह प्रथा बदल जाएगी जब आत्मसम्मान की सोच सामने आएगी
वेलकम
true
👌👌👌
बहुत सुंदर
🙏🙏
🙏🙏