एहसास-ए-मोहब्बत
कभी उनको भी मेरी कमी सताती तो होगी
अपने दिल में मेरे ख़्वाब सजाते तो होंगे
वो जो हर वक़्त बसे हैं ख़्यालों में मेरे
कभी मेरी यादों में वो भी खो जाते तो होंगे
वो जिनकी राहों में हमेशा पलकें बिछीं रहती हैं मेरी
कभी मुझे भी अपने पास बुलाते तो होंगे
वो जो शामिल हैं मेरे हर गीत और नग़मों में
कभी तन्हाई में मुझे भी गुनगुनाते तो होंगे
मैं जिनसे इज़हार-ऐ-मोहब्बत हरपल करना चाहूँ
कभी इकरार-ऐ-मोहब्बत वो भी करना चाहते तो होंगे
जिनके लिए मेरी रात कटती है करवट बदलते-बदलते
कभी उनको भी सपने मेरे सताते तो होंगे
ये ग़म,आँसू,तकलीफ़ सिर्फ़ मेरे ही नसीब में नहीं
मुझसे जुदाई के आँसू उनको भी रूलाते तो होंगे
कभी उनको भी मेरी कमी सताती तो होगी
अपने दिल में मेरे ख़्वाब सजाते तो होंगे
✍️Rinku Chawla
वाह ,क्या बात है। बहुत ख़ूब
Thanks
Thanks
अतिसुन्दर, बहुत खूब
” जो बीत गई वो याद बनी,
यादों में चेहरा एक समाया है।
दूर हैं वो, पर दिल से दूर नहीं हैं,
कुछ यादों ने कुछ ख्वाबों ने,
अक्सर हमको मिलवाया है”।
मेरी कविता के कुछ अंश…
Lajawaab
🙏🙏
काफी अच्छा लिखा है, एहसाह ए मोहब्बत
Thanks
Atisunder
Thanks