ओस की चंद बूंदे
ओस की चंद बूंदे,
इधर भी दे-दे, ए खुदा
वीरान मेरे दिल की,
ज़मीन पड़ी है ।।
*****✍️गीता
ओस की चंद बूंदे,
इधर भी दे-दे, ए खुदा
वीरान मेरे दिल की,
ज़मीन पड़ी है ।।
*****✍️गीता
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बहुत सुंदर लेखन प्रतिभा वाह। बहुत सुंदर भावाभिव्यक्ति
समीक्षा के लिए बहुत बहुत धन्यवाद आपका सतीश जी🙏
अतिसुन्दर
Thank you Joshi j🙏
सुंदर
Thank you bhai ji🙏
बहुत खूब
शुक्रिया कमला जी🙏
Oohoooo
🙂 Thanks pragya