Categories: मुक्तक
Related Articles
रौशनी
रौशनी बहुत है मेरे यार तारे नहीं दिखेंगे, गरीबों के माथे पे लिखे नारे नहीं दिखेंगे, बचा लो इस घर को अभी ज़िंदा हो तुम,…
जंगे आज़ादी (आजादी की ७०वी वर्षगाँठ के शुभ अवसर पर राष्ट्र को समर्पित)
वर्ष सैकड़ों बीत गये, आज़ादी हमको मिली नहीं लाखों शहीद कुर्बान हुए, आज़ादी हमको मिली नहीं भारत जननी स्वर्ण भूमि पर, बर्बर अत्याचार हुये माता…
हम उस देश के वासी है ।।
हम उस देश के वासी है, जिस देश के घरेलु सकल उत्पाद कभी आकाश चुम रही थी । हम उस देश के वासी है, जिस…
भोजपुरी गजल- ठीक नईखे |
भोजपुरी गजल- ठीक नईखे | दिल लगाके दिल तोड़ल केहु के ठीक नईखे | प्रीत लगाके मुंह मोड़ल केहु से ठीक नईखे | कईली केतना…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
समसामयिक घटना पर चिंता व्यक्त करती हुई कवि पीयूष जी की बहुत यथार्थ परक रचना। उम्दा प्रस्तुति
बहुत खूब
सत्य वचन 100%
बहुत ही बेहतरीन रचना, अति उत्तम
बहुत खूब
सुंदर