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‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’
लेख:- ‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिये भाषा का प्रयोग करता है। वह अपनी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
सावन
चला शावर है अंबर से भिगोने धरती का आंगन खिला हर पात डाली का बही गंगधार भी कलकल करे कलरव हर पंछी चली है नाव…
“शब्दों के सद्भाव”
” माँ ” ——- शब्दों के सद्भाव ^^^^^^^^^^^^^^^^^^ मानवता भी धर्म है जैसे इन्सानियत मज़हबी नाम, शब्दों के सद्भाव भुलाकर जीवन बना लिया संग्राम |…
“किसान आन्दोलन”
जो बादल सदैव ही निर्मल वर्षा करते थे निज तपकर अग्नि में तुमको ठण्डक देते थे वह आज गरजकर तुम्हें जगाने आये हैं ओ राजनीति…
शास्त्री जी आपने अत्यंत सुंदर रचना के माध्यम से लिखने की ओर प्रेरित किया है। परिवेश से पूरी तरह परिचित कवि लेखनी कलम उठाने का आह्वान करती हुई दिखाई दे रही है। भाषा पठनीय और प्रवाहमय है। अति सुन्दर
धन्यवाद पाण्डेयजी
बच्चों को कविता लिखने का आसान तरीका समझाती हुई और कविता लिखने की प्रेरणा देती हुई बहुत सुन्दर रचना ।अपना हुनर, जैसे अगली पीढ़ी को सौंपती हुई लाजवाब रचना
शुक्रिया बहिन
Good learning a make poetry