कवि मंगलेश डबराल जी को नमन

समकालीन कविता के
जाने-माने नाम थे वह,
हिंदी कविता की
शान थे वह।
राजनीतिक चेतना व
मानवता की सुरम्य आभा से
सरोबार थे वह,
‘पहाड़ पर लालटेन’ सी
चमकती
पहचान थे वह।
संघर्ष में जूझती
मानवता के अल्फाज थे वह
शीर्ष कवि
मंगलेश डबराल थे वह।
आज उनके परलोक गमन पर
शत-शत नमन और श्रद्धांजलि है
ईश्वर के चरणों में स्थान मिले
उस महान कवि आत्मा को
सादर नमन व श्रद्धांजलि है।

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

  1. कवि मंगलेश डबराल जी को कोटि कोटि प्रणाम
    उनके सम्मान में बहुत सुंदर कविता

New Report

Close