कहने को शर्मिंदा हैं
माँ भारती, अब भी चुप क्यों, फिर बिटिया हुई शिकार
दुष्कर्म, असह्य पीङ, कत्ल, कर दिया अंतिम संस्कार ।
अपमान हर महिला का, हर पिता हुआ शर्मसार
अनवरत् चलता है, थमता नहीं, होता बारम्बार ।।
भूल बैठे इंसानियत, जीभ काट, रीढ़ दी तोङ
करते रहें हैवानियत, दे गये अनगिनत चोट
अब और नहीं, जिन्दगी जीने लायक रही नहीं,
मौत के रथ पर सवार, वो गयी मानवता से हार।।
बिटिया कहने को शर्मिन्दा है, छिपा इन्हीं में दरिन्दा है
हर वह परिवार, हमारा यह मानव समाज- अपराधी है
पनाह पाता इन्हीं से , वह विक्षिप्त मानसिक रोगी है
इनकी दुष्मानसिकता का, मासुम बेटियां भुक्तभोगी हैं
अपने बीच इन्हें चिन्हित , करना होगा हमें ही बारम्बार ।।
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Ritika bansal - September 30, 2020, 1:25 pm
Nice
Suman Kumari - September 30, 2020, 1:41 pm
धन्यवाद् रीतिकाजी।
प्रतिमा चौधरी - September 30, 2020, 1:45 pm
बहुत ही मार्मिक तथा यथार्थपरक
ऐसी घटनाएं देखकर हृदय रो उठता है
कितना बेरहम हो गया है समाज
Suman Kumari - October 1, 2020, 7:28 pm
सादर आभार
Satish Pandey - September 30, 2020, 2:56 pm
बहुत ही जबरदस्त और मार्मिक अभिव्यक्ति
Suman Kumari - October 1, 2020, 7:05 pm
सादर धन्यवाद
Geeta kumari - September 30, 2020, 5:30 pm
हृदय स्पर्शी रचना बहुत ही मार्मिक अभिव्यक्ति
Suman Kumari - October 1, 2020, 7:05 pm
सादर धन्यवाद
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - September 30, 2020, 7:45 pm
सुंदर
Suman Kumari - October 1, 2020, 7:06 pm
सादर आभार
Renu Thapar - October 1, 2020, 2:36 pm
nice
Suman Kumari - October 1, 2020, 7:05 pm
सादर आभार