कहे कवि! परीक्षा की अब करो तैयारी
हंसी आ गई मुझको कि
अब आया तुमको होश,
जब यहां अवसान पड़ा था
तब ना आया यह जोश
अपना यह जोश संभालो
करो परिश्रम
यदि पड़ जाओ अकेले तो
देंगे साथ हम
देंगे आपका साथ अगर पड़ गये अकेले
यह मंजिल पाने की खातिर
कितने पापड़ बेले
अब तुमको भी पढ़कर
आगे बढ़ना है
असफलताओं से हार कर
ना पीछे हटना है
कहे कवि !
कि परीक्षा की अब करो तैयारी
है चुनाव आने वाला,
आईं हैं बैकेंसी भारी…..
असफलताओं से हार कर
ना पीछे हटना है
_______ असफलताओं से ना घबराने की सुंदर प्रेरणा दी है कवि प्रज्ञा जी ने अपनी इस कविता में, सुन्दर रचना
धन्यवाद
वाह क्या बात है खूबसूरत कविता लिखी
Tq
Beautiful poem
Thank you so much
धन्यवाद
बहुत-बहुत शुक्रिया