कामयाबी

ठोकर लगने पर भी
आगे मैं बढ़ता जाऊंगा
कैसा भी हो कामयाबी का रास्ता
हर तरीके को अपनाउँगा
जरूरत पड़ी तो
खुद को मैं जलाऊंगा
छू लूंगा आसमान
धुआं मैं बन जाऊंगा

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

New Report

Close