कारगिल

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ललकार हमें न ए जालिम

अब हमें नहीं सहना है

खबरदार ए सरहद पार

कश्मीर हमारा अपना है

मत दोहरा इतिहास भूल से

इतिहास नया बना के देख

यारी को उत्सुक ये धरती

हाथ जरा बढ़ा के देख

अमन-चैन का सबक सीख ले

वरना तू पछताएगा

कसम हमें है इस मिट्टी की

तू मिट्टी में मिल जाएगा

कारगिल के जर्रे-जर्रे से

यही आवाजें आती है

दुश्मन देश संभल जा वरना

बस, एक निशाना काफी है

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