कारण- समाधान

क्या सही सुना था मैंने, अपना देश था सोने की चिड़िया
विश्वगुरु के आसन पर आसीन , ऐसी भी थी घड़ियाँ
विचार वसुधैव कुटुंबकम् का, समाया हममें अति बढ़िया
उस जमीं; ऐसी तस्वीर हमारी, उजागर करती है कमियाँ
आजादी का यह अमृतकाल, गरीबों का है बुरा हाल
इतनी योजना बनती फाइलों में, क्यों नहीं बँटती उठे सवाल
गरीबी हटाओ गरीबी हटाओ, सुनते यह नारा हुए कई साल
आज भी रोटी कपड़ा मकान को, तरस रहे झुग्गी फुटपाथ
यह तस्वीर ना लगती उस भारत की, जहाँ दिलीप शिबी का राज हुआ
जीवन पशु का बचाने हेतु, प्रस्तुत स्व देह का माँस किया
ना लगती धरा हरिश्चंद्र की, धर्म खातिर राज पाट त्याग दिया
ना कर्ण सरीखे दानवीरों की, गरीबों पर सर्वस्व लुटा दिया
आओं पता करें कारण, क्यों बचपन सिग्नल पर बीत रहा
अगर है माफिया के कारण, तो किसकी शय पर फूल रहा
अगर है अवैध घुसपैठिये तो, आओ सीमा से बाहर करे
है शरणार्थी या भाई हमारे, तो कदम बढ़ाकर उनका विकास करें
पर लंच बॉक्स उठाने वाला बचपन, कटोरा लेकर ना निकले
स्कूल का बस्ता उठाने वाले काँधे, किसी का बोझा उठा कर ना चल दे
खेलने कूदने वाली उमर, जिम्मेदारी तले दम ना तोड़े
देश का भविष्य वर्तमान में, भूखा नंंगा ना सोये
हो भले ये तन के काले, निर्मल है इनका भी मन
दुःख तकलीफ दर्द होता इनको भी, दो बोल प्यार के इनका धन
दुर्भाग्य की विडंबनाओ मे, झुलस रहे इनके जज्बात
जुझ रहे फिर भी है खुश, चाहे जैसे हो हालात
Nice point of view
Wow!! Grt thinking
Nice
Great
Gajab
Awesome
हिम्मत है bhai
हिम्मत है bhai
Mst mat mat
Ultra grt
Amazing