Categories: शेर-ओ-शायरी
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पहचान
बेकद्रों की महफ़िल मे कद्रदान ढूंढ रहा हूँ अनजान लोगो मे अपनी पहचान ढूंढ रहा हूँ अंधेरा करने वालों से रौशनी की मांग कर रहा…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
मजदूर हूं मैं !
मजदूर हूं मैं जरूरत तो पड़ेगी मेरी , क्योंकि मैं निर्माता हूं । माना झोली खाली है मेरी, मजदूरी करके खाता हूं। बहा कर खून-पसीना…
माता – पिता पर आधारित
दिल के एक कोने मे मन्दिर बना लो। मात-पिता की मूरत उस मे बिठा लो। दिया ना जलाओ पर गले से लगा लो। आरती के…
Waah
Good