कितना भी ज़िद्दी बन जाऊँ
कितना भी ज़िद्दी बन जाऊँ,
माँ थोड़ा भी न गुस्सा होती है,
एक निवाला अपने हिस्से का खिलाकर
माँ फिर चैन से सोती है।।
-मनीष
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Neha - May 13, 2018, 5:59 pm
Very nice sir
राही अंजाना - June 20, 2018, 11:47 pm
गजब